राग बिलावल का सम्पूर्ण परिचय बंदिश सहित | Raag Bilaval Parichay With Bandish
राग बिलावल परिचय
राग बिलावल की उत्पत्ति बिलावल थाट से मानी जाती है। इस राग में सात स्वर लगते हैं। इस राग में सब स्वर शुद्ध लगते हैं। इस राग का वादी स्वर "ध" है, इस राग का संवादी स्वर "ग" है। इस राग की जाति सम्पूर्ण - सम्पूर्ण है। इस राग के गाने बजाने का समय प्रातःकाल है।
आरोह = स रे ग म प ध नी सं
अवरोह = सं नी ध प म ग रे स
पकड़ = सं नी ध प, म ग, रे स
राग बिलावल तीनताल (मध्यलय) - मात्रा 16
स्थायी
सम तालीखालीताली
x धा धिं धिं धा रे ग म प भ ज न बि
| २ धा धि धिं धा ग म रे स ना — रे —
| ० धा तिं तिं ता प नी सं रे बी — त ग
| ३ ता धिं धिं धा नी सं ध प ये — दि न
|
अन्तरा
गं — रें रें खे — ल गँ रे ग म प मा — न घ
| सं नी सं — वा — यो — ग म रे स ना — रे —
| प — प प बा — ल अ प नी सं रें ज ब जवा —
| नी — सं — व स था — नी सं ध प — नी त ब
|
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