आलाप किसे कहते है ?आलाप की परिभाषा | alap kise kahte hai

आलाप किसे कहते है  

किसी भी राग के स्वरों को जब हम विलंबित (धीरे-धीरे) लय में विस्तार करते हैं तो उसे आलाप कहते हैं। आलाप में आवश्यकतानुसार मींड, खटका, मूर्की, गमक आदि का भी प्रयोग होता है।

गायकी में आलाप दो प्रकार से किया जाता है। पहला आकार में और दूसरा नोम-तोम ताना देर ना री रे ॐ दे यली यला आदि शब्दों में किया जाता है। पहले वाले को आकार का आलाप और दूसरे को नोम-तोम का आलाप कहते हैं।


बोल-आलाप और बोल-तान

जब गीत के शब्दों को लेकर आलाप करते हैं तो उसे बोल-आलाप कहते हैं।बोल-आलाप मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। लय-बद्ध और लय-रहित।
 जब तान में गीत के शब्दों का प्रयोग करते हैं तो उसे बोल-तान कहते हैं। 




इन्हे भी पढ़े -

  1. सम, ताली और खाली किसे कहते है। 
  2. सप्तक क्या है और ये कितने प्रकार का होता है ?
  3. लय किसे कहते हैं और ये कितने प्रकार होते है ?
  4. ताल परिचय एवं बोल कहरवा, दादरा, रूपक, इत्यादि
  5. मींड किसे कहते है?
  6. तान किसे कहते है?
  7. थाट किसे कहते है और ये कितने प्रकार के होते है?
  8. श्रुति किसे कहते हैं | 22 श्रुतिओ के नाम और परिभाषा 
  9. तराना क्या है, तराना किसे कहते है?

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ