तराना किसे कहते है ? तराना के शब्द का अर्थ एवं तराना गाने का उद्देश्या।
तराना के शब्द
तराना के शब्द दूसरे गीतों से अलग होते हैं। इसमें नोम, तोम, तनन, ना, दिर, दानी, देरे, तादानी, अली, यलली आदि शब्द होते हैं। तराना सभी रागों में गाया जाता है। इसे खयाल के सभी तालों में गाया जाता है। तराने की गति मध्य लय से धीरे-धीरे बढ़ाई जाती हैं और अधिकतम गति में पहुंचकर इसे समाप्त करते हैं।
ऐसे तो तराने के शब्द का कोई मतलब नहीं निकल पाता है। लेकिन उस्ताद आमिर खान साहब का कहना था की तराने के शब्दों का भी अर्थ होता है। उनके अनुसार तराने में अरबी फारसी के शब्द होते हैं जिनमें बंदा खुदा से प्रार्थना करता है।
उद्देश्य
तराना गाने का मुख्य उद्देश्य गायकी, लयकारी और उच्चारण अभ्यास है। द्रुत लय का तराना गाने से वाणी में सफाई आती है। तराना छोटे ख्याल के बाद गाया जाता है। कुछ तराना विलंबित लय में भी गाया जाता है लेकिन बहुत कम। कुछ तराना में तबला और पखावज के बोल भी रहते हैं।
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