राग हमीर -
इस राग में दोनों मध्यम अर्थात दोनों म प्रयोग है तथा अन्य सारे स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते है। पंचम अर्थात प आरोह में वर्जित है।
वादी - धैवत अर्थात ध
संवादी - गांधार अर्थात ग
गायन समय -
आरोह - सा रे ग म ध नि सां।
अवरोह - सां नि ध प मे प ग म रे सा।
{ मे = तीव्र म (मध्यम) }
त्रिताल मध्यलय
च | ल हाँ - स | री- - - उ | ठ बा- -- व |मे | प ग - म | निध - - ध | नि धनि सांरे सां |
O 3 X 2
री$ $ $ बा | $ ज $ र | ही $ $ म | धु बा $ सु |
सांनि धप मेप ग | म रे नि रे | सा - - ग | म निध - नि |
O 3 X 2
O 3 X 2
री $ $ $ | च ल च ल | री $ सु न | बा- $ त ह |
सां - - - | ध नि सां रें | सां नि ध प | मेध मेप ग म |
O 3 X 2
मा- $ री- च | ल हाँ $ सां |
धनि सांनि धप मे | प ग - मे |
O 3
O 3
O = खाली
X = सम
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