´संगीत के समान गति को लय कहते हैं, संगीत में लय अत्यंत महत्पूर्ण हैं, लय के बिना संगीत की कल्पना भी करना असंभव हैं`
लय
संगीत में समान गति या चाल को लय कहते हैं।
हमारे नित्य - प्रति के व्यहार में कोई न कोई लय अवश्य होती हैं
जैसे हमारे चलने फिरने, लिखने पढ़ने या बात करने इत्यादि में ऐसा देखा गया है कि कुछ शब्द हम शीघ्रता से बोलते हैं कुछ शब्द को धीरे से बोलते हैं। इन सभी क्रियाओं मैं अपनी गति होती है। संगीत में भी इसकी आवश्यकता होती है,
"इस गति को ही संगीत में लय कहते हैं"
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लय के प्रकार -
साधारण तौर पर लय के तीन प्रकार बताये गये हैं,
1. विलम्बित लय
2. मध्य लय
3. द्रुत लय
जब लय धीमी रहती हैं तो उसे विलम्बित लय कहते हैं
जब लय साधारण रहती हैं तो उसे मध्य लय कहते है
जब लय साधारण से अधिक तेज़ रहती हैं तो उसे द्रुत लय कहते हैं,
गाते - बजाते अथवा नाचते समय कोई न कोई लय अवश्य होती हैं,
हम लय को एक उदाहरण से समझ सकते हैं,
हम घड़ी के एक सेकेण्ड को मध्य लय मान लेते हैं, तो एक सेकेण्ड का आधा 1/2 सेकेण्ड विलम्बिल लय और 2सेकेण्ड द्रुत लय के बराबर होगा |
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