गीत की परिभाषा और गीत के प्रकार | geet ki paribhasha aur geet ke prakar

गीत की परिभाषा और गीत विभिन्न प्रकार 



गीत - 

स्वर और लय - ताल बध्द शब्दों की सुन्दर रचना को गीत कहते हैं, 
शब्दों के आधार पर गीत को दो भागो में बाटा गया हैं, 

1.  सार्थक  और 

2.  निरर्थक        


सार्थक गीत -    

                     भजन, गीत, ठुमरी, ख्याल और फ़िल्मी गानों के शब्द सार्थक होते हैं |






निरर्थक गीत  -  

                      तराने के शब्द नोम, तोम, तनन, देरे आदि निरर्थक होते हैं |


कुछः संगीतकार जैसे - उस्ताद अमीर खाँ का कहना था की तराने के शब्द अरबी - फारसी भाषा से लिए गये हैं और इनका भी अर्थ होता हैं |



" प्रत्येक गीत को कुछ खंडो या भागो में बाँटा गया हैं जिन्हे हम अवयव कहते हैं |"




प्राचीन ध्रुपद के चार 4 अवयव पाए जाते थे - स्थाई, अंतरा, संचारी, और अभोग | आजकल 4 अवयव बाले ध्रुपद बहुत कम गाये जाते हैं |

ध्रुपद के अतिरिक्त अन्य गीत के प्रकारो जैसे - ख्याल तराना ठुमरी आदि के केवल दो अवयव होते हैं स्थाई और अंतरा |




आगे हम गीत प्रकारो पर क्रमशः विचार करेंगे |


"संगीत के विषय में यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव हैं, तो आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं "




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