राग यमन छोटा ख्याल, तान और अलाप सहित।
राग यमन (कल्याण)
परिचय -
इस राग की रचना अपने ही नाम वाले थाट अर्थात कल्याण से मानी गयी हैं
इस राग में तीव्र म (मध्यम) का प्रयोग किया जाता है
और
सभी स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते हैं.
ग (गंधार) वादी और नि (निषाद) संवादी मना गया हैं.
आरोह और अवरोह में सातों (7) स्वरों कर प्रयोग किया जाता हैं. इसलिए यह सम्पूर्ण -सम्पूर्ण जाती का राग हैं.
गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर माना गया हैं.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आरोह - सा, रे, ग, म* प, ध, नि, सां |
अवरोह - सां, नि, ध, प, म*,ग, रे, सा |
पकड़ - •नि, रे, ग, रे, प, रे, •नि, रे, सा |
{* = तीव्र स्वर }
{• = मंद्र स्वर }
बंदिश तीनताल (मध्यालय)
[also read - raag durga parichay]
स्थायी =
_____________________________________________
नि ध प ~| ~ रे ~ सा | ग रे ग ग | ~ ~ प प |
ये ~ री ~| ~ आ ~ ली | पि या बि न | ~ ~ स खी |
O | 3 | × | 2
_____________________________________________
ग म* ग प |प ध प प | निध नि प प | रे रे सा सा |
क ल ना प |र त मो हे | घ ~ री प ल |छि न दि न |
O | 3 | × | 2
_____________________________________________
अंतरा =
_____________________________________________
प प सां सां | सां ~ सां सां | सां ~ नि ध | नि ध प प |
ज ब से पि | या ~ प र | दे ~ स ग | व न की न्हो |
O | 3 | × | 2
_____________________________________________
प गं रें सां | नि ध प प | ध नि ध प | रे रे सा सा |
र ति यां क | ट त मो हे | ता ~ ~ रे | गि न गि न |
O | 3 | × | 2
_____________________________________________
ताने =
स्थायी तान - आठ मात्रा (8 beat)
निरे, गरे, निरे, सा~ | पम*, गरे, गरे, सा~
गम* पम* गम* पम* | गम* पम* गरे, सा~
निरे, गम* पध, मप, | गम* पम* गरे सा~
निरे, गम* धनी, सां~ | सांनि धप, म*ग रेसा
____________________________________________
अंतरा तान - आठ मात्रा
1. गम* धनि, सांनि, धप, | गम* धनि, सां~ निसां |
2. सांनि, धप, म*प, गम* | ध~ नि~ सांध, निसां |
_____________________________________________
संगीत से सम्बंधित अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हैं तो कृपया comment box में बताये
अन्य जानकारी के लिए follow करें
0 टिप्पणियाँ
please do not enter any spam link in the comment box.