राग भूपाली का सम्पूर्ण परिचय बंदिश तान सहित

राग भूपाली का सम्पूर्ण परिचय बंदिश अलाप तान सहित। 

 राग भूपाली बंदिश - नमन कर चतुर शिरी गुरु चरणा 

तान बंदिश स्वर मलिका (नोटशन्स) 




राग भूपाली   




परिचय - यह राग कल्याण थाट से उत्पन्न होता हैं. इसके आरोह एवं अवरोहन में 5-5 स्वरों का प्रयोग किया जाता हैं.अतः इसकी जाति आड़व  - आड़व हैं.  इसका गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है.

  आरोह -  सा रे ग प ध सा |
 अवरोह - सा ध प ग सा |

पकड़ - ग रे सा .ध,  सा रे ग  प ग रे सा



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राग भूपाली (त्रिताल) बंदिश =


    स्थायी    



सां  सां  ध  प | ग  रे  सा  रे | .ध  .ध  सा  रे | ग  रे  सा ~|
                 
 न  म   न  क | र  च  तु  र | शि  रि  गु  रु | च र णा ~|
O                | 3            | ×                | 2           


ग  ग  प  ध | सां  ध  सां  सां | सां  प ध प | ग  रे  सा ~|
त  न  म  न | नि   र   म   ल  | क  र  भ  व| त  र णा ~|
O             |  3                  | ×             | 2




अंतरा -



ग  ग  प  ग | प  ~ सां  ध| सां सां सां सां | सां रें सां सां |
जो ई जो ई |ध्या ~ व   त | शु भ  फ  ल  | पा  - व   त |
O             |  3            | ×                | 2


सां सां गं रे | सां  सां प  ध | सां सां सां सां| ग  रे  सा ~|
ज  न  म म| र   ण  दु  ख |   स  ब  नि  - | स्त र  णा ~|
O            | 3               |  ×               | 2





स्थाई तान [ 8 मात्रा ]

1.  सारे  गरे  गरे  गरे   |   गप  गरे  गरे  सा~
2.  सारे सा.ध सारे गप |   गप  गरे  गरे  सा ~
3.  सारे गप धसां धप   |   गरे सा.ध सारे ग~
4.  सारे रेसा रेग गरे     |   सारे रेसा रेध सा ~


अंतरा तान [ 8 मात्रा ]

1. सांसां धप गरे सारे  |  गप धसां  रेंध सां~
2. सांरें  गंरें सांरें सांध  |  पग पध  सांरें सां~



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