मींड और कण स्वर की परिभाषा | स्पर्श स्वर | मींड किसे कहते हैं | meend,

चलिए आज हम मींड और कण स्वरों के बारे में जान लेते हैं |

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 मींड - 

किन्ही दो स्वरों को इस प्रकार गाने - बजाने को मींड कहते हैं, जिनके बीच में कोई रिक्त स्थान न रहे | 

दूसरे शब्दो में - 

"अटूट ध्वनि में एक स्वर से दूसरे स्वर तक जाने को मींड कहते हैं" |

"किसी भी स्वर से आवाज़ को न तोडते हुए दूसरे स्वर तक घसीटते हुए ले जाने कि क्रिया को मींड कहते हैं"

मींड को लेते समय स्वरों को इस प्रकार स्पर्श करते हैं की वे अलग - अलग सुनाई नहीं देते |
इसको गाने बजाने में लोच और रंजकता आती हैं |

मींड को दर्शाने के लिए स्वरों के ऊपर अर्ध - चंद्राकार बनाते है |



कण या स्पर्श स्वर  - 


गाते या बजाते समय आगे या पीछे के स्वर को स्पर्श करके आने को कण कहते हैं, कण को स्पर्श स्वर भी कहते हैं |






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